Monday, May 7, 2012

पुस्तक लोकार्पण एवं सम्मान समारोह





दिल्ली। यहां 1 मई,2012 को दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन, हम सब साथ साथ, राष्ट्रकिंकर व लाल कला एवं सांस्कृतिक मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पुस्तक लोकार्पण एवं सम्मान समारोह में देश के दिग्गज साहित्य पुरोधाओं के सानिध्य और विभिन्न प्रांतों से पधारे साहित्य मनीषियों, कवियों एवं पत्रकारों की गरिमामयी उपस्थिति के बीच कुंवर विक्रमादित्य सिंह विरचित  प्रथम काव्य कृति ‘कुछ तो रह गया होगा’ का लोकार्पण दिल्ली के हिन्दी भवन में सम्पन्न हुआ। 



इस अवसर पर देश के प्रख्यात साहित्यकार व समालोचक डॉ. नामवर सिंह ने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में फूटे इस नवांकुर का हम स्वागत करते हैं। उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में उतरने वाले प्रत्येक युवा को इंगित करते हुए अपनी विशिष्ट शैली में कहा, ‘वे छंदबद्ध रचना करते हों तो छंदशास्त्र का भरपूर ज्ञान प्राप्त कर इस विधा में उतरें अन्यथा छंदमुक्त रचना ही करें।’ 

कार्यक्रम का आकर्षण रहे गीतों के सम्राट पद्मभूषण डॉ. गोपालदास नीरज ने अपने चिरपरिचित अंदाज और बुलंद आवाज में जहाँ अपने गीतों से वातावरण को सरस बनाया वहीं युवा रचनाकार कुंवर विक्रमादित्य को आशीर्वाद व ढेरों शुभकामनाओं से भी नवाजा।


कार्यक्रम अध्यक्ष आकाशवाणी निदेशक डॉ. लक्ष्मीशंकर वाजपेयी ने अपने कुछ सुझाव प्रस्तुत करते हुए रचनाकार को शुभकामनाएं दीं।


डॉ. ए. कीर्तिवर्द्धन द्वारा संचालित परिचर्चा में मुख्य वक्ता डॉ. विनोद बब्बर एवं डॉ. हरिसिंह पाल ने अनेक रचनाओं के संदर्भाे की व्याख्या करते हुए प्रस्तुत कृति के लिए रचनाकार को बधाई दी। दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. महेशचन्द शर्मा एवं सरस्वती सुमन पत्रिका के प्रधान संपादक श्री आनन्द सुमन ने सभी साहित्य मनीषियों का स्वागत करते हुए हिन्दी और हिन्दी साहित्य के प्रति अपनी संस्था की प्रतिब़द्धता की चर्चा करते हुए युवा रचनाकारों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर बल दिया। इस समारोह में लाल कला एवं सांस्कृतिक मंच की ओर से संस्था के संरक्षक श्री लालबिहारी लाल ने कुंवर विक्रमादित्य सिंह तथा डॉ. ए.कीर्तिवर्द्धन को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित भी किया। 

समारोह का प्रारम्भ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इसके बाद श्रीमती सुषमा भंडारी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की एवं तत्पश्चात्  हम सब साथ साथ के कार्यकारी संपादक श्री किशोर श्रीवास्तव के साथ श्रीमती सुषमा भंडारी व दिव्यांशु श्रीवास्तव ने ‘इंसान का इंसान से हो भाईचारा’ नामक भाईचारा गीत प्रस्तुत किया। 




समारोह के अंतिम चरण में ‘हम सब साथ-साथ’ पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी अपने प्रतिभाशाली सदस्यों को सम्मानित किया। इस वर्ष के सम्मान प्राप्तकर्ताओं में सर्वश्री  सीताराम चौहान, रेनू चौहान (दिल्ली) अशोक वर्मा (चंद्रपुर, महाराष्ट्र) एवं कामिनी बघेल (झांसी) को उनकी उल्लेखनीय साहित्य व कला संबंधी गतिविधियों के लिये वरिष्ठ प्रतिभा सम्मान तथा असीम शुक्ल (कानपुर), अनिल  श्रीवास्तव (गुड़गांव) व पूनम  तुषामड (दिल्ली) को उनकी उल्लेखनीय साहित्य व कला संबंधी सेवाओं के लिये युवा प्रतिभा सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर हम सब साथ साथ पत्रिका में उत्कृष्ट लेखन के लिये श्री घमंडी लाल अग्रवाल (गुड़गांव़) को भी सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाले अन्य सदस्यों में सर्वश्री श्रवण कुमार शर्मा (भीनमाल, राज.), कुसुम अग्रवाल (गाज़ियाबाद) एवं अमृता शुक्ला (रायपुर, छ.ग.) के नाम भी विशेष उल्लेखनीय रहे।

समारोह के दौरान श्रीमती सोनाली मिश्रा की सद्य प्रकाषित कहानी संग्रह दर्पण का लोकार्पण भी अतिथियों द्वारा किया गया।

समारोह का संचालन तीन चरणों में क्रमशः सर्वश्री विनोद बब्बर, ए. कीर्तिवर्द्धन व किशोर श्रीवास्तव ने किया।

समारोह में सर्वश्री शेरजंग गर्ग, अशोक अंजुम, महेन्द्रपाल काम्बोज, इन्दिरा मोहन, सुरजीत सिंह जोबन, जयसिंह ‘जय’, उमाशंकर मिश्र, ब्रजपाल सिंह संत, ज्ञानेन्द्र पाण्डेय गाफिल स्वामी, एडवोकेट राकेश श्रीवास्तव, सुभाष चंदर, हरिन्द्र पंतगा, किशोर उपाध्याय, नमिता राकेश, कुन्ती हरीरामडॉ. रवि शर्मा, सुषमा भरद्वाज, विपिन चौधरी, पूनम मटिया, प्रेम कुमार गौतम, साकेत सुमन चतुर्वेदी एव हम सब साथ साथ की संपादक शशि श्रीवास्तव सहित अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने समारोह को विशेष गरिमा प्रदान की।




3 comments:

  1. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  2. किशोर जी शुक्रिया .....कार्यक्रम की रिपोर्ट में मेरा नाम शामिल करने के लिए ........और इसमें कोई दो राय नहीं कि एक आला दर्जे का कार्यक्रम रहा ...नीरज जी को सुनने को मिला ....डाक्टर नामवर जी से साक्षातकार हुआ और उनका आशीष प्राप्त हुआ ...कीर्तिवर्धन जी ने निमंत्रित कर और मेरे हाथों से माला अर्पण कर ....मेरा मान बढ़ाया .....आप की संस्था नवोदित साहित्यकारों को पुरुस्कृत कर रही है ..आप बधाई के पात्र हैं ...

    ReplyDelete